विपक्ष ने सरकार से टैक्स के दायरे मे न आने वाले परिवारों को 7500 रुपए प्रतिमाह देने की मांग की
विपक्ष ने सरकार से टैक्स के दायरे मे न आने वाले परिवारों को 7500 रुपए प्रतिमाह देने की मांग की
नई दिल्ली. कांग्रेस समेत 22 विपक्षी दलों ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर कोरोना संकट के समय अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में विफल रहने का आरोप लगाया और नया एवं समग्र वित्तीय पैकेज घोषित करने, संसदीय कामकाज बहाल करने और राज्य सरकारों को पूरी मदद मुहैया कराने समेत अपनी 11 सूत्री मांगें मानने का आग्रह किया. वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से चार घंटे से अधिक समय तक तक चली बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में इन दलों ने केंद्र से यह सभी मांग कीं.
> आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को छह महीने के लिए 7500 रुपये प्रति माह दिया जाए. 10 हजार रुपये तत्काल दिए जाएं और शेष पांच महीने में दिया जाए.
> किसानों, एमएसएमई क्षेत्र के उपक्रमों और अन्य कामगारों की मदद और लॉकडाउन से बाहर निकलने की रणनीति को लेकर स्पष्टता की भी मांग की.
> सभी जरूरतमंद लोगों को अगले छह महीने के लिए 10 किलोग्राम प्रति माह अनाज दिया जाए.
> मनरेगा के तहत कामकाज के दिनों को 150 से बढ़ाकर 200 दिन किया जाए.
> प्रवासी कामगारों को उनके घर भेजने के लिए मुफ्त परिवहन सेवा मुहैया कराई जाए तथा विदेश में फंसे भारतीय छात्रों और नागरिकों को वापस लाने का इंतजाम किया जाए.
> कोविड-19 की जांच, संक्रमण, स्वास्थ्य ढांचे और संक्रमण रोकने के उपायों को लेकर सटीक जानकारी मुहैया कराई जाए.
> श्रम कानूनों में बदलाव सहित सभी एकतरफा नीतिगत निर्णयों को बदला जाए.
> किसानों से रबी की उपज को एमएसपी के मुताबिक खरीदा जाए तथा खरीफ की फसल के लिए किसानों को बीज, उर्वरक और दूसरी सुविधाएं दी जाएं.
> कोरोना महामारी से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रही राज्य सरकारों को उचित धन मुहैया कराया जाए.
> अगर लॉकडाउन से बाहर निकलने की कोई रणनीति है तो उसके बारे में स्पष्ट रूप से बताया जाए.
> 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज देश के लोगों को गुमराह करने वाला है. हमारी मांग है कि एक संशोधित और समग्र पैकेज पेश किया जाए जो सही मायने में राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज हो और उससे अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ सके.